THE GREATEST GUIDE TO SIDH KUNJIKA

The Greatest Guide To sidh kunjika

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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः

न सूक्तं नापि ध्यानम् च न न्यासो न च वार्चनम् ॥ २ ॥

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः

देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि

दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्

कुंजिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत्।

No. Pratyahara usually means to provide the senses within. That is, closing off exterior perception. Stambhana fixes the notion within by holding the assumed even now in addition to the perception.

यस्तु कुंजिकया देवि हीनां सप्तशतीं पठेत् ।

धां धीं धूं धूर्जटेः पत्नीः, वां वीं वागधीश्वरी तथा।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्

समय का अभाव है तो नवरात्रि के नौ दिनों में सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ कर देवी की उपासना की जा सकती है. इससे पूजा और व्रत का अक्षय get more info पुण्य प्राप्त होगा.

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